माता जी, पिता जी और गुरु जी |
फूल कितना भी सुंदर हो, |
तारीफ़ खुशबू से ही होती है I |
इंसान कितना भी बड़ा हो, |
कद्र उसके गुणों से होती है I |
कौन ज़्यादा सुखी है, |
“सोने की चैन वाला |
या |
चैन से सोने वाला” I |
2 जी, 3 जी और 4 जी आ गए हैं , |
भविष्य में 5 जी, 6 जी |
और न जाने कितने जी आएँगे , |
पर सबसे बड़े जी तो – |
‘माता जी’, ‘पिता जी’ और ‘गुरु जी’ हैं I |
Categories: POEMS
1 Comment
Hitesh · February 23, 2019 at 1:04 pm
Very good poem